गुलजार हुआ रवींद्र भवन, जश्न-ए-उर्दू समारोह का आगाज

Feb 27, 2019

खरी खरी संवाददाता

भोपाल। शहर में साहत्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र रवींद्र भवन मंगलवार को तकरीरों, कव्वालियों, सूफियाना नृत्य और गजलों से गुलजार हो गया। मौका था उर्दू जबान-ओ-अदब तथा उर्दू तालीम और तहज़ीब ओ सक़ाफ़त पर आधारित तीन दिनी समारोह जश्न-ए-उर्दू के आगाज होने का।

मप्र शासन के संस्कृति विभाग की संस्था मप्र उर्दू अकादमी के इस तीन दिवसीय प्रतिष्ठापूर्ण समारोह की शुरुआत सुबह के सत्र में पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। उसके बाद कैफी आजमी के शताब्दी वर्ष पर उन्हें याद किया गया। देश के तमाम हिस्सों से आए विद्वानों ने कैफी आजमी पर अपनी तकरीरें पेश कीं। कैफ़ी आज़मी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर डा. नरेश-चण्डीगढ़, डा. अली अहमद फातमी- इलाहाबाद, डा. रज़िया हामिद, कौसर सिद्दिकी ने शोध परक आलेख पढ़े।  तकरीरों के बाद जावरा के अहमद रज़ा ने कैफ़ी आज़मी की ग़ज़लें संगीत के साथ पेश कर उनको श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर संस्कृति विभाग की सचिव रेनू तिवारी ने सभी विद्वानों और कलाकारों का स्वागत किया।उन्होंने कहा कि संस्कृति विभाग द्वारा जश्न ए उर्दू में साहित्य, शिक्षा व संस्कृति के विभिन्न रंगों को प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने सभी साहित्यकारों का शुक्रिया अदा किया। इस मौके पर अल्लामा इकबाल पर आधारित चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन भी खास बन गया।

शाम के सत्र में जाने माने कव्वाल उस्ताद चांद कादरी ने सूफी कव्वाली पेश की। उनकी कव्वालियों ने माहौल में समां बांध दिया। ये धरती मां है मेरी, यहअदद ऐलान लिख दे न, मेरी इस जिंदगी पर इसके अहसास लिख दे न, यह किसका मकबरा है दुनिया वाले जान जाएंगे, मेरी कब्र के पत्थर पर हिंदोस्तां लिख दे न.. बहे खून मेरा चमन के लिए मेरी जान जाए, वतन के लिए... वतन परस्ती को बयां करती प्रसिद्ध कव्वाल चांद कादरी की इस कव्वाली ने गुलाबी शाम को ओर भी सुहाना बना दिया। वतन परस्ती की कव्वाली के साथ ही इजिप्ट के सूफियाना नृत्य तनोरा की प्रस्तुति ने भी सभी को प्रभावित किया। इसमें अल्लाह को पाने की मोहब्बत को सूफियाना अंदाज में प्रस्तुत किया। सूफियाना वतने इश्क से सजी इस सुहानी शाम का लुत्फ भोपाल के कला प्रेमी बहुत देर तक उठाते रहे। तीन दिन चलने वाले इस समारोह में कई विषयों पर तकरीरें होंगी और गजलों तथा शेरों शायरी का दौर चलेगा। साथ युवाओं को मौका देने के लिए ओपन माइक सत्र भी आयोजित होंगे।